

Rims : रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय सिंह के कार्यालय में रिम्स के MBBS फाइनल वर्ष के छात्र-छात्राएं अपने लंबित परिणाम की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। आक्रोशित मेडिकल छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण MBBS 2020 बैच के 180 छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्रों ने बताया कि फाइनल वर्ष का परिणाम न जारी होने की वजह से वे नीट पीजी (NEET PG) प्रवेश परीक्षा में भाग नहीं ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की वजह से उनका एक साल का करियर दांव पर लग गया है और वे इंटर्नशिप की सेवाएं भी नहीं दे पा रहे हैं। छात्रों ने इस स्थिति के अस्पताल की सेवाओं पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बताया कि रिम्स के पिछले इंटर्न जा चुके हैं और नए 180 इंटर्न न होने से अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
12 जुलाई तक रिजल्ट
धरने पर बैठे छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें लगातार परिणाम के बारे में गलत आश्वासन दिया जाता रहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक परिणाम जारी नहीं होता, वे परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय में ही बैठे रहेंगे। इस पर नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय सिंह ने कहा कि उनकी नियुक्ति महज दो दिन पहले ही हुई है। इसलिए वे पहले के घटनाक्रम पर अधिक कुछ नहीं कह सकते। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि 12 जुलाई तक रिम्स MBBS फाइनल ईयर का परिणाम प्रकाशित करने की पूरी कोशिश की जाएगी। डॉ. सिंह ने यह भी स्वीकार किया कि परिणाम प्रकाशन में विलंब हुआ है। छात्रों की मांग पर उन्होंने यह लिखित सूचना देने का भी वादा किया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और झारखंड चिकित्सा परिषद को इस देरी की जानकारी दी जाएगी।